जब मन में वासनाओं का धुआँ फैल रहा हो, बुद्धि अज्ञान रूपी अंधकार में भटक रही हो, हृदयाकाश में अंधेरे पखवाड़े की तरह सांसारिक माया का तिमिर छाया हुआ हो और मनुष्य की चित्त वृत्तियाँ दक्षिणायन अर्थात् अधोगति की ओर जा रही हों तो ऐसे समय में जिनके प्राण निकलते हैं वह व्यक्ति लौटकर फिर से संसार में आता है। किन्तु अर्जुन जो समता में स्थिति होगी है। वह इन दोनों ही स्थितियों का उल्लंघन कर जाता है और सनातन परम पद को प्राप्त होता है। जो भगवान से जुड़ा है, भक्ति में डूबा है उसकी अगवानी के लिए तो प्रभु स्वयं बाहें फैलायें खड़े। ऐसे योगयुक्त भक्त को तो परम पद मिलता ही है।
When the smoke of lusts is spreading in the mind, the intellect is wandering in the darkness of ignorance, the darkness of worldly illusion is shadowed in the space of the heart like a dark fortnight, and the mental instincts of man are going towards Dakshinayan i.e. downfall. When the soul dies, that person returns and comes back to the world. But Arjun who will be in equality. He transcends both these conditions and attains the eternal supreme position. The one who is connected to God, immersed in devotion, then God himself stands with spread arms to receive him. Such a Yogyukt devotee definitely gets the supreme position.
Supreme Position | Arya Samaj Indore 9302101186 | Arya Samaj Mandir Indore | Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Pandits for Havan Indore | Court Marriage Indore | Legal Marriage Helpline Consultant Indore | Validity of Arya Samaj Marriage Certificate Indore | Arya Samaj Mandir Shaadi Indore | Arya Samaj Pandits for Legal Marriage Indore | Court Marriage Helpline Indore | Marriage Booking Indore | Vastu Correction Without Demolition Indore | Arya Samaj Mandir Shadi Indore | Arya Samaj Pandits for Pooja Indore | Gayatri Mandir Indore | Indore Aarya Samaj | Vedic Pandits Helpline Indore | All India Arya Samaj Indore | Arya Samaj Pandits for Vastu Shanti Havan Indore | Gayatri Marriage Indore | Marriage by Arya Samaj Annapurna Indore
जनप्रतिनिधियों की असीमित सुविधाएं जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना जिनके लिए दे...