यदि सशस्त्र पुलिस का जत्था साथ चल रहा हो तो घटाटोप अँधरे एवं बीहड़ वन से गुजरते समय भी मन में निश्चिंतता का ही भाव होता है सुरक्षा की सुनिश्चित हो जाने पर व्यक्ति निर्भय और आश्वस्त होकर के यात्रा करता है। जब माँ का हाथ बच्चे को और पुलिस का साथ एक वयस्क को सुरक्षा का भाव प्रदान कर सकते है तो जो ईश्वर पर, परमात्मा पर, सर्वशक्तिमान सत्ता पर विश्वास करता हो - उसके लिए क्या जीवनयात्रा निरद्वंव एवं निस्पंद नहीं हो जाएगी ? परमात्मा के ऊपर अटूट विश्वास करने वाले को कभी भी आत्मविश्वास की कमी नहीं हो सकती। इसलिए यदि ऐसा कहा जाए कि आत्मविश्वास एवं ईश्वरविश्वास, एक ही सत्य के दो पहलु हैं तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
If a group of armed police is walking along, then even while passing through the overcast, dark and rugged forest, there is a sense of insecurity in the mind, when security is assured, a person travels fearlessly and confidently. When the hand of a mother can provide a sense of security to a child and the company of the police to an adult, then for one who believes in God, the Supreme Soul, the Almighty Authority - will the journey of life not become free and pure? One who has unwavering faith in God can never lack self-confidence. Therefore, if it is said that self-confidence and faith in God are two aspects of the same truth, then there will be no exaggeration.
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जनप्रतिनिधियों की असीमित सुविधाएं जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना जिनके लिए दे...