ईश्वर एक है और उसका निज नाम ओ३म् है- महर्षि सत्यार्थप्रकाश के सातवें सम्मुलास में लिखते हैं कि चारों वेदों में कहीं नहीं लिखा है, जिससे अनेक ईश्वर सिद्ध हों, किन्तु यह लिखा है कि ईश्वर एक है। वह, यह भी लिखते हैं कि दिव्यगुणों से युक्त होने के कारण देवता कहे जाते हैं। जिसमें सब देवता स्थित हैं, वह जानने और उपासना करने योग्य ईश्वर है। परमेश्वर देवों का देव होने से महादेव इसीलिए कहाता है कि वह सब जगत् की उत्पत्ति, स्थिति, प्रलयकर्ता, न्यायधीश और अधिष्ठाता है।
God is one and his own name is Om - Maharishi writes in the seventh Sammulas of Satyarth Prakash that it is not written anywhere in the four Vedas that many Gods can be proved, but it is written that God is one. He also writes that being possessed of divine qualities is called a deity. In whom all the gods are situated, He is the God worth knowing and worshipping. Being the God of Gods, Mahadev is therefore called that he is the origin, condition, annihilator, judge and founder of all the worlds.
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जनप्रतिनिधियों की असीमित सुविधाएं जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना जिनके लिए दे...