नीम्बू से रोग निवारण के घरेलू नुस्खे
1. एक चम्मच नीम्बू का रस, एक चम्मच पिसी हुई अजवायन आधा कप गर्म पानी में डालकर सुबह-शाम पीना चाहिए।
2. एक गिलास पानी में नीम्बू निचोड़कर चौथाई चम्मच सोड़ा मिलाकर नित्य पीयें।
3. आधा गिलास गरम पानी में आधा नीम्बू निचोड़कर जरा सी पीसी हुई काली मिर्च की फंकी सुबह-शाम लें।
Ved katha _15 (Explanation of Vedas) वेद कथा - प्रवचन एवं व्याख्यान Ved Gyan Katha Divya Pravachan & Vedas explained (Introduction to the Vedas, Explanation of Vedas & Vaidik Mantras in Hindi) by Acharya Dr. Sanjay Dev
4. एक चम्मच सौंठ तथा साबुत अजवायन 50 ग्राम नीम्बू के रस में भिगोकर छाया में सुखायें। भोजन के बाद इसकी एक चम्मच चबायें।
5. नीम्बू काटकर इसकी फांकों में नमक तथा काली मिर्च भरकर गर्म करके चूसने से लाभ होता है। उपरोक्त सभी उपायों से वायु विकार में लाभ होता है।
6. एक गिलास गर्म पानी में आधा नीम्बू निचोड़कर 4 बार नित्य कुल्ले करने या नित्य नीम्बू-पानी में स्वाद के लिये चीनी या नमक डालकर प्रातः भूखे पेट पीने व रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी डालकर पीने से दो-तीन महीने तक प्रयोग से छालों में लाभ होता है।
7. नीम्बू के पेड़ से हरी पत्तियॉं तोड़कर चबाकर रस चूसने, तेज गर्म पानी में नीम्बू निचोड़कर घूंट-घूंट पानी पीने से हिचकी बन्द हो जाती है।
8. नीम्बू, सौंठ, काली मिर्च, अदरक सब थोड़ी मात्रा में लेकर चटनी बनाकर चाटने, नीम्बू में नमक भरकर 4 बार चूसने, काला नमक तथा शहद और नीम्बू का रस मिलाकर चाटने से हिचकी बन्द हो जाती है।
9. खट्टी डकार आने की स्थिति में गर्म पानी में नीम्बू निचोड़कर पीना चाहिए।
10. 50 ग्राम पुदीने की चटनी पतले कपड़े में डालकर, निचोड़कर रस निकालकर आधा नीम्बू निचोड़ें।
11. 2 चम्मच शहद और 2 चम्मच पानी मिलाकर पीने से पेट का दर्द जल्द बन्द हो जाता है।
12. आधा कप पानी, 10 पिसी हुई काली मिर्च, एक चम्मच अदरक का रस, आधे नीम्बू का रस सब मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है। स्वाद के लिये चीनी या शहद मिला सकते हैं।
13. एक नीम्बू, काला नमक, काली मिर्च, चौथाई चम्मच सौंठ, आधा गिलास पानी में मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है।
14. अजवायन तथा सेंधा नमक को नीम्बू के रस में भिगोकर सुखा लें। पेट दर्द होने पर एक चम्मच चबाकर पानी पीएं। इस प्रकार जब तक दर्द रहे, हरेक घण्टे में सेवन करें और पेट पर सेक करें।
शुद्ध शहद की पहचान कैसे करें
1. शहद में अपनी साफ उंगली लगाकर नेत्रों में लगावें। यदि नेत्रों को लगता है, आंसू निकलते हैं तो शहद शुद्ध है।
2. कुत्ते के आगे शहद में रोटी भिगोकर दें। यदि कुत्ता दूर से ही रोटी सूंघकर हट जाये तो शहद असली है।
3. शहद में रूई की बत्ती भिगोकर जलावें। यदि घी की तरह जलने लगे तो शहद असली है।
4. शहद को कागज पर रखें। कागज न गले तो शहद शुद्ध है।
5. पान की दुकान से तरल चूना लेकर हथेली पर रखें। थोड़ी सी शहद की बून्द लेकर हल्के चूना में मिलावें हथेली जलने लगेगी ।
6. कपड़े पर शहद की बून्द डाल दें तथा कपड़े को हल्का सा झाड़ दें। बून्द कपड़े से अलग गिर जायेगी, निशान नहीं बनेगा । इसके विपरीत परिणाम मिले तो भूलकर भी ऐसा शहद न खरीदें।- एकता ओझा
सौंफ से पाचन-शक्ति बढ़ती है
बहुत से लोग भोजन के बाद कभी-कभी सौंफ खाना पसन्द करते हैं। जो लोग कभी भी सौंफ नहीं खाते, वे भी होटल में भोजन करने के बाद पेमेण्ट काउण्टर पर रखी सौंफ को मुंह में डाल लिया करते हैं। रसोईघर में भी सौंफ का बहुत बोलबाला होता है। कुछ विशिष्ट सब्जियों को स्वादिष्ट और खुशबूदार बनाना सौंफ का महत्वपूर्ण गुण है। वैसे ज्यादातर लोग सौंफ को भोजन करने के बाद खाते हैं। स्वागत-सत्कार में भी सौंफ-सुपारी का प्रचलन है। सौंफ के कुछ प्रमुख गुण ये हैं -
1. इसके खाने से पाचनशक्ति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है।
2. सौंफ और धनिया को समान मात्रा में पीसकर डेढ़ गुना शुद्ध घी में मिला लें। इसमें स्वाद हेतु शक्कर भी मिला लें। इस मिश्रण का कुछ दिनों तक सुबह-शाम सेवन करें। इसके सेवन से शरीर के किसी भी भाग में होने वाली खुजली जड़ से मिट जाती है।
3. कच्ची एवं भुनी हुई सौंफ खाने से दस्तों में तुरन्त फायदा होता है।
4. नीम्बू के रस में पिसी हुई सौंफ का प्रयोग करने से भूख भी खुलकर लगती है एवं कब्ज की शिकायत भी मिटती है।
5. निःसन्तान महिलाओं को नियमित रूप से दो- तीन माह तक सौंफ के चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए। उन्हें सौंफ के एक चम्मच चूर्ण के साथ गाय का शुद्ध घी एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम लेना अत्यन्त गुणकारी है। इसके प्रयोग से पेट के विकार समाप्त होते हैं तथा गर्भ स्थापन की स्थिति बनती है।
6. वायुगोला का दर्द पेट में होने पर सौंफ को चिलम में भरकर पीने से कुछ ही मिनटों में दर्द उड़न-छू हो जाता है । इसे तम्बाकू की तरह चिलम में भरकर पीते हैं।
7. जो महिलायें गर्भावस्था में नारियल और सौंफ का प्रयोग करती हैं, उनकी सन्तान गौर वर्ण होती है।
8. पाचन सम्बन्धित जो भी चूर्ण तैयार होते हैं। लगभग सभी चूर्णों में सौंफ जरूर डाली जाती है - डॉ. ऋषिमोहन श्रीवास्तव
पुदीना के प्रयोग
1. गर्मी के कारण उत्पन्न फुंसियों पर पुदीने का रस बहुत राहत देता है।
2. ताजा हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठण्डे पानी से चेहरा धो लें। इससे आपको गर्मी से राहत मिल जाएगी और आप तरोताजा महसूस करेंगे।
3. पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर तीन बार चाटने से अतिसार (दस्त) से राहत मिलती है।
4. गर्मी के समय प्रतिदिन भोजन के साथ पुदीने की चटनी अवश्य खाएं।
5. गन्ने के रस में पुदीने का थोड़ा सा रस भी मिलाकर लिया जा सकता है।
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Grind equal quantity of fennel and coriander and mix it in one and a half times pure ghee. Add sugar to taste as well. Drink this mixture twice a day for a few days. Due to its use, itching in any part of the body disappears from the root.
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जनप्रतिनिधियों की असीमित सुविधाएं जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना जिनके लिए दे...