ऋषि राज तेज तेरा चहुं ओर छा रहा है।
तेरे बताए पथ पर संसार चल रहा है।।
उपरोक्त पंक्तियों से ऋषि दयानन्द द्वारा मण्डित वैदिक सनातन धर्म की व्यापकता एवं लोगों के उसके अनुगमन पर प्रकाश पड़ता है। लेकिन अभी भी आशातीत रूप में सफलता हासिल नहीं हो सकी है। स्वामी जी का वैदिक धर्म के प्रति अटूट विश्वास, निष्ठा एवं धर्मानुचरण अनुकरणीय था। वैदिक धर्म के अनुशीलन एवं अनुकरण से ही मानव मात्र का कल्याण सम्भव है। स्वामी जी ने तत्कालीन सामाजिक परिस्थितियों एवं वेद की शिक्षाओं तथा आर्य संस्कृति पर पड़ रहे विजातियों के प्रभावों को बहुत ही नजदीक से समझा, परखा एवं आत्मसात् किया था। यही कारण है कि उनकी शिक्षाएं आए दिन की अग्नि परीक्षाओं में कुन्दन-सी दमकती रही। उनके कटु सत्य से ढोल ढकोसला वाले लोग विचलित हो उठे। यद्यपि उनकी शिक्षाएं मानव मात्र के लिए थी, किसी सम्प्रदाय या धर्म विशेष के लिए नहीं थी।
जीवन जीने की सही कला जानने एवं वैचारिक क्रान्ति और आध्यात्मिक उत्थान के लिए
वेद मर्मज्ञ आचार्य डॉ. संजय देव के ओजस्वी प्रवचन सुनकर लाभान्वित हों।
कोई राष्ट्र धर्म निरपेक्ष नहीं हो सकता -1
Ved Katha Pravachan -5 (Explanation of Vedas & Dharma) वेद कथा - प्रवचन एवं व्याख्यान Ved Gyan Katha Divya Pravachan & Vedas explained (Introduction to the Vedas, Explanation of Vedas & Vaidik Mantras in Hindi) by Acharya Dr. Sanjay Dev
जहॉं स्वामी जी की सत्य ज्ञान गंगा में बहुत लोगों ने अवगाहन किया और अपनी जीवन धारा को ही बदल डाला, वहीं कुछ ऐसे नासमझ लोग भी थे जिन लोगों ने न स्वामी जी को समझा और न वेद की शिक्षा को। फलस्वरूप लोग वेद से अलग हो गये। सदज्ञान से वंचित रह गए। जो चीज उनके ज्ञान की स्रोत थी उसी चीज से विरक्ति हो गई। जो उनके लिए अमृत लाया था वही उनको कुपथमार्गी दिखने लगा। कवि ने कहा-
पिलाया जहर का प्याला इन्हीं नादान लोगों ने।
जिनके लिए अमृत का प्याला ले के आये थे।
इसका दुष्परिणाम यह निकला कि जिसे लोगों ने ज्ञान समझ रखा था वह अज्ञान साबित हुआ। जिस नींव पर अपने ज्ञान का महल खड़ा किया था वह महल ही धाराशायी हो गया। भौतिक जगत की चमक दमक मन को चैन एवं शान्ति प्रदान नहीं कर सकी। आज न चैन धनवान को है, न बलवान को है और न रूपवान को। धन वाले अलग दुखी हैं, निर्धन अलग। वेद विहित मार्ग पर नहीं चलने से चैन किसी को नहीं है और न था। अगर कहीं सुख दिखाई भी दिया तो वह क्षणिक था।
हर युग और समय की अपनी समस्याएं होती हैं। राम के सामने समस्या थी रावण पर विजय और कृष्ण के सामने पाण्डवों को राज्य प्राप्त करानेकी। स्वामी जी के सामने कुछ और ही समस्या थी। स्वामी जी के सामने तो एक रावण या एक कौरव कुल नहीं, हजारों रावण एवं हजारों कौरव कुल थे। उनकी समस्या थी वेदों का प्रचार, छुआछूत का अन्त, ढोंग पाखण्ड का खण्डन एवं स्वराज्य प्राप्ति। लोगों में व्याप्त अनास्था को आस्था में बदलना कोई सरल काम नहीं था। यह समुद्र मन्थन से भी कठिन काम था। जिनके लिए उन्होंने अपना सर्वस्व होम किया वही उन्हें दुश्मन समझते थे।
प्राच्य संस्कृति के धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष के महत्व और गहनता से अनभिज्ञ कुछ पाश्चात्य विचारकों ने अर्थ को ही जीवन के सत्य के रूप में प्रतिष्ठित किया। मानव जीवन का चरम लक्ष्य अर्थ प्राप्ति ही माना जाने लगा। आर्थिक समानता के नाम पर नये ढंग से शोषण का सूत्रपात हुआ। साम्यवाद की शिक्षा कहती है कि पूंजीवादी समाज में पूंजीपतियों द्वारा मजदूरों का शोषण होता है। लेकिन उनकी व्यवस्था में सर्वहारा वर्ग के अधिनायकवाद में बहुसंख्यक द्वारा अल्पसंख्यक का शोषण होता है। इस चीज को नजर अन्दाज कर दिया गया। साम्यवादी समानता मात्र आर्थिक समानता तक ही सीमित लगती है।साथ ही मानवीय जीवन के अन्य आदर्श अछूते लगते हैं।
वैदिक समानता का सिद्धान्त अपने आप में निराला है। सभी मानवों के लिए वेदों के ज्ञान ग्रहण की समानता उत्कृष्टतम व्यवस्था का प्रतीक है। साथ ही धनोपार्जन के लिये संयमित प्रयास की आवश्यकता, साधन की पवित्रता एवं साध्य की उत्कृष्टता सम्बन्धी वैदिक सन्देश व्यवस्था वह व्यवस्था है जिसमें गर्भाधान से लेकर मृत्यु पर्यन्त तक के मानवीय व्यवहार को व्यवस्थित करने का प्रावधान है। आचार शुद्धि के बाद ही आर्थिक समानता का वास्तविक लक्ष्य प्राप्त कर सकना सम्भव है।
स्वामी जी के आदर्शों एवं पवित्र निर्देशों के अनुरूप अगर चला जाये तो निस्सन्देह वसुधैव कुटुम्बकम् हो सकता है। लेकिन आज भौतिकवादी चकाचौंध में भूलकर मानव ने अपना स्वरूप ही खो दिया है। आये दिन हो रहे युद्ध, आतंक और विश्व में हुए व्यवस्था परिवर्तन नि:सन्देह आधुनिक युग में मानव सुख प्राप्ति के लिए हो रहे प्रयास की असफलता की कहानी है। काश ! आज का मानव पुन: एक बार ऋषि के त्याग एवं तपस्या के महत्व को समझ पाता। जिन मूल्यों के लिए उन्होंने अपना बलिदान किया, उन मूल्यों को मानव अपने जीवन का आदर्श बना पाता तो महर्षि का परिश्रम बहुत अंश में आर्थक होता।
सुख चैन चाहते हो तो वेद को देखो।
आनन्द चाहते हो तो दयानन्द को देखो।।-रामचन्द्र सिंह क्रान्तिकारी
राष्ट्रीय प्रशासनिक मुख्यालय
अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट
आर्य समाज मन्दिर अन्नपूर्णा इन्दौर
नरेन्द्र तिवारी मार्ग
बैंक ऑफ़ इण्डिया के पास
दशहरा मैदान के सामने
अन्नपूर्णा, इंदौर (मध्य प्रदेश) 452009
दूरभाष : 0731-2489383, 9302101186
www.aryasamajmarriagehelpline.com
-----------------------------------------
National Administrative Office
Akhil Bharat Arya Samaj Trust
Arya Samaj Mandir Annapurna Indore
Narendra Tiwari Marg
Near Bank of India
Opp. Dussehra Maidan
Annapurna, Indore (M.P.) 452009
Tel. : 0731-2489383, 9302101186
www.akhilbharataryasamaj.org
Swami Dayanand and Communism | Arya Samaj Indore - 9302101186 Arya Samaj Mandir Indore | Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Mandir Marriage Indore | Arya Samaj Annapurna Indore | Arya Samaj Mandir Helpline Indore for Gondia - Hingoli - Dausa - Dholpur - Chhatarpur - Chhindwara | Arya Samaj Mandir Bank Colony Indore MP | Arya Samaj Mandir in Indore | Arya Samaj Marriage | Official Website of Arya Samaj Indore | Arya Samaj | Maharshi Dayanand Saraswati | Vedas | Arya Samaj Intercast Marriage | Intercast Matrimony | Hindu Matrimony | Matrimonial Service | Arya Samaj Marriage Ruels in Hindi | Ved Puran Gyan | Arya Samaj Details in Hindi | स्वामी दयानन्द एवं साम्यवाद | Ved Gyan DVD | Vedic Magazine in Hindi | Aryasamaj Indore MP | address and no. of Aarya Samaj Mandir in Indore | Aarya Samaj Satsang | Arya Samaj | Documents required for Arya Samaj marriage in Indore | Legal Arya Samaj Mandir Marriage procedure in Indore | Aryasamaj Helpline Indore Madhya Pradesh India | Arya Samaj Bank Colony Indore Madhya Pradesh India | documents required for arya samaj marriage in indore | Divya Matrimony in Indore Madhya Pradesh.
Arya Samaj and Vedas | Vedas | Maharshi Dayanand Saraswati | Arya Samaj in India | Arya Samaj and Hindi | Vaastu Correction Without Demolition | Arya Samaj Mandir Marriage Indore Madhya Pradesh | Arya Samaj helpline Indore Madhya Pradesh Bharat | Arya Samaj Mandir in Madhya Pradesh | Arya Samaj Online | Arya Samaj Marriage Guidelines | Procedure Of Arya Samaj Marriage | Arya Samaj Marriage helpline Indore | Hindi Vishwa | Intercast Marriage in Arya Samaj Mandir Indore.
Indore Aarya Samaj Mandir | Indore Arya Samaj Mandir address | Hindu Matrimony in Indore | Arya Samaj Intercast Marriage | Intercast Matrimony in Indore | Arya Samaj Wedding in Indore | Hindu Marriage in Indore | Arya Samaj Temple in Indore | Marriage in Indore | Arya Samaj Marriage Rules in Indore | Hindu Matrimony in Indore | Arya Samaj Marriage Ruels in Hindi | Ved Puran Gyan | Arya Samaj Details in Hindi | Ved Gyan DVD | Vedic Magazine in Hindi | Aryasamaj Indore MP | address and no. of Aarya Samaj Mandir in Indore | Aarya Samaj Satsang | Arya Samaj | Arya Samaj Mandir | Documents required for Arya Samaj marriage in Indore | Legal Arya Samaj Mandir Marriage procedure in Indore | Aryasamaj Helpline Indore Madhya Pradesh India | Official website of Arya Samaj Indore | Arya Samaj Bank Colony Indore Madhya Pradesh India | महर्षि दयानन्द सरस्वती | आर्य समाज मंदिर इंदौर मध्य प्रदेश भारत | वेद | वैदिक संस्कृति | धर्म | दर्शन | आर्य समाज मन्दिर इन्दौर | आर्य समाज विवाह इन्दौर
जनप्रतिनिधियों की असीमित सुविधाएं जहाँ गरीब देश की अधिकांश जनता को पौष्टिक भोजन नहीं मिलता, वहाँ जनप्रतिनिधियों के लिए इतने शानशौकत के महल और उसके साथ-साथ अनेक लग्जिरियस तामजाम अलग। इनकी यह व्यवस्था शहनशाहों व राजाओं से भी अधिक भड़कीली होती है। सुविधा इनकी, परन्तु नाम देश की प्रतिष्ठा का लिया जाता है। जिस प्रतिष्ठा का ये बहाना जिनके लिए दे...